उत्तरकाशी टनल में मशीन हुई खराब, रेस्क्यू ऑपरेशन रुकने से ‘हलक में अटकी’ मजदूरों की जान, क्या है आगे का प्लान? networthplaza.com
नई दिल्ली. उत्तरकाशी स्थित टनल के धंसने से अंदर फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. शुक्रवार दोपहर ऑपरेशन के दौरान एक बुरी खबर आई. ड्रिलिंग मशीन पर मलबा गिरने के बाद एकाएक पूरे ऑपरेशन को रोक दिया गया. करीब एक घंटे ऑपरेशन को रोकना पड़ा. बताया जा रहा है ड्रिलिंग के काम में लगी अमेरिका में निर्मित ऑगर मशीन में कुछ तकनीकी खराबी भी आ गई है. मशीन के बेयरिंग खराब होने की बात कही जा रही है. फिलहाल इंदौर से नई मशीन एयरलिफ्ट कर उत्तरकाशी मंगाई जा रही है, जिसके शनिवार सुबह तक पहुंचने की उम्मीद है.
रिपोर्ट्स की माने तो टनल में पांचवी ट्यूब डालने के बाद अचानक उपर से मलबा मशीन पर आकर गिरने लगा, जिसके बाद सभी को टनल से बाहर निकाला गया. जब दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ तो मशीन के खराब होने की बात सामने आई. शुक्रवार सुबह से दोपहर तक टनल में केवल छह मीटर ड्रिलिंग ही हो पाई है. रिपोर्ट की माने तो रेस्क्यू टीम सर्वे कर 103 मीटर के वर्टिकल अप्रोच के जरिए मजदूरों को उपर से बाहर निकालने के विकल्प पर भी काम कर रही है. यदि मौजूदा रेस्क्यू ऑपरेशन असफल हो जाता है तो वर्टिकल माध्यम से नया प्रयास किया जाएगा.
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मजदूरों को निरंतर मिल रहा खाना
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) व टनल के प्रोजेक्ट मैनेजर अंशू मनीष खुल्को ने कहा, ‘यह आसान लगता है कि हम वहां पहुंच जाएंगे, लेकिन जहां पर आपको लगता है कि प्रकृति नाजुक है, तो अधिक कंपन हो सकता है, जहां संतुलन बनाए रखने की जरूरत है, स्थिति बहुत नाजुक है. लोगों का मनोबल भी बनाए रखने की जरूरत है. खाना और पानी की आपूर्ति और फंसे हुए श्रमिकों की मनोवैज्ञानिक स्थिति ठीक है. मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा उनसे बात की जा रही है. वे सभी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं. कुल 24 (मीटर) हैं, जिसमें से 22 मीटर ड्रिल किया जा चुका हैं. हम एक बैकअप बनाते हैं ताकि काम बिना किसी बाधा के चलता रहे. ड्रिलिंग के लिए मशीनों को देश के विभिन्न हिस्सों से बुलाना पड़ता है.’
#WATCH | Uttarkashi, Uttarakhand Tunnel incident | NHIDCL (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) Tunnel Project Director Anshu Manish Khulko says, “It seems easy when it looks like we would be able to reach there… But when it seems that nature is… pic.twitter.com/KY1HMieD2m
— ANI (@ANI) November 17, 2023
क्या है टनल का मकसद?
दरअसल, 4.5 किलोमीटर लंबी यह टनल ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच बन रही है. इसके बनने से कई घंटों का सफर कुछ मिनटों में किया जा सकेगा. टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. इसके कारण 40 मजदूर टनल के अंदर ही फंस गए. सभी को निकालने के लिए पांच दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
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FIRST PUBLISHED : November 17, 2023, 19:22 IST